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वक्री बुध का गोचर नवंबर 2024-आपकी राशि पर इसका प्रभाव और उपाय


बुध ग्रह 26 नवंबर, 2024 के समय पर वृश्चिक राशि में वक्री होंगे। बुद्धि, वाणी, कम्युनिकेशन और यात्रा का ग्रह बुध जब वक्री होता है तो इसके कारक तत्व भी विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। बुध का वक्री होना केवल ज्योतिष में रुचि रखने वालों या ज्योतिषियों से संबंधित नहीं है बल्कि इसका असर सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है। हर कोई इसके प्रभावों को महसूस कर सकता है क्योंकि यह विचारों में अधिक लगे रहने का समय है जिसके कारण सभी को अपने कामकाज, फैसलों और योजनाओं पर बार-बार सोचने की आवश्यकता होती है।

बुध का वक्री होना 16 दिसंबर, 2024 को समाप्त होगा, जब बुध अपनी सीधी चाल में चलेंगे और वृश्चिक राशि में आगे बढ़ना जारी रखेंगे।

अगर हम बुध के वक्री गोचर और प्रत्येक राशि में जन्मे लोगों पर इसके प्रभावों को समझ पाएं, तो इससे हमें इस समय का बेहतर उपयोग करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके अलावा अपने उद्देश्य को पाने में भी सफल रह सकते हैं।

बुध के वक्री होने पर क्या होता है?

बुध की वक्री चाल से बुध के उन विशेषताओं पर सबसे अधिक असर पड़ता है जिसके लिए बुध जिम्मेदार होता है। इस समय योजनाओं का बनना कुछ धीमा होता दिखाई देता है। रणनीतिक कदम उठाने पर अधिक सोच विचार की आवश्यकता होती है। बुध के वक्री होने के दौरान लोगों को मुख्य रूप से कुछ खास बातों के चलते परेशानी हो सकती है


पुरानी बातों का प्रभाव : Going in the past

बुध का वक्री होना आपके अतीत की यादों और उन घटना क्रम को सामने लाने वाला होता है जिसके कारण आप काफी प्रभावित रहे होते हैं। इस दौरान पहले के रिश्ते, अनसुलझे विवाद या अधूरे काम फिर से लौट कर आपके सामने खड़े हो सकते हैं। यह समय धीमा होने और ध्यान में रहने, चीजों को समाप्त करने और नई योजनाएं बनाने का भी है। बुध के वक्री होने के दौरान व्यक्ति भ्रम और गलतफहमी का शिकार भी हो सकता है। इस दौरान लोग शब्दों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं, यात्रा के दौरान सामान्य इत्यादि खो सकता है या फिर आपका लेखन प्रभावित हो सकता है, एजुकेशन के मामले में परेशानी सकती है।


कम्युनिकेशन में परेशानी : Miscommunications

बुध के वक्री होने पर कम्युनिकेशन से जुड़ी चीजें अधिक प्रभावित दिखाई दे सकती हैं। इस दौरान बातचीत में गलत कम्युनिकेशन की संभावना अधिक दिखाई देती है। आपके संदेश या बातें उस स्थान पर जा सकती हैं जहां आपको उन्हें नहीं भेजना था, झूठ या गलत दस्तावेज़ इस समय मिल सकते हैं, गणनात्मक चीजों की गिनती या समझने में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।court/legal issues का सामना करने वालों को इस समय अधिक सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इस गोचर के दौरान झूठे दस्तावेज़ या गलत आक्षेप आपको परेशान कर सकते हैं।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर समय ( 26 नवंबर, 2024):

बुध जब वृश्चिक राशि में वक्री होता है, तो शक्ति और ऊर्जा की स्थिति प्रबल होती है, इस समय व्यक्ति अधिक खोजबीन करने, भावनाओं की उथल-पुथल से प्रभावित होता है। इस समय इमोशनल होने के साथ साथ नई चीजों की खोज के लिए भी उत्साही होता है। ये समय खुद के भीतर की स्थिति को समझने के लिए खास होता है, गुप्त रहस्यों को खोजने, नए संपर्क बनाने और नए अवसरों को पाने के लिए अच्छा रहता है। वृश्चिक राशि की ऊर्जा बदलाव के साथ साथ इमोशनली मजबूत रहते हुए काम करने को दिखाती है।


बुध का मार्गी होना (16 दिसंबर, 2024)

16 दिसंबर 2024 को बुध वक्री से मार्गी होंगे। बुध अपनी वक्री चाल को बदल कर फिर से सीधे मार्ग की ओर चलेंगे। बुध के मार्गी होने के साथ ही कई बातों में सुधार होगा, हम बातों को सही समझने योग्य बनेंगे, और आगे बढ़ने के लिए सही फैसले ले पाएंगे। वक्री बुध के दौरान जो काम अधूरे बने हुए थे अब वह जल्दी पूरे हो जाएंगे। बुध का मार्गी होना मानसिकता को सही बनाता है और सही निर्णयों के साथ सफलता को दिलाने वाला होता है।


बुध के वक्री होने का सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि Aries (Mesh)


मेष राशि वालों के लिए बुध के वक्री होने की स्थिति अभिव्यक्ति पर असर डालने वाली होगी। इस दौरान गलत फैसले लेने से या अन्य लोगों की भावनाओं के प्रति लापरवाह होने के कारण परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। यात्रा में बाधा का सामना करना पड़ सकता है। कानूनी मामलों अथवा शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों में समस्या इस दौरान बनी रह सकती है जिसके कारण चिंता अधिक रहेगी। इस समय पर व्यर्थ की बातों और लक्ष्यों को पाने के लिए मेहनत अधिक कर सकते हैं और अवसर हाथ से नहीं निकल पाएं इस बारे में सोच विचार बना रहता है।


सलाह : बुध के वक्री प्रभाव से बचने के लिए जरुरी है की इस दौरान शांति के साथ अपने कामों को किया जाए, जो भी काम आप करते हैं उस पर एक से अधिक बार सोच विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लेना अनुकूल होगा। धैर्य रखने और कार्य योजना का सावधानीपूर्वक पालन करने से परेशानी से बचेंगे।


वृषभ राशि Taurus (Vrishabha)
वृषभ राशि के जातकों के लिए वक्री बुध का प्रभाव आर्थिक पक्ष और आपसी पार्टनरशिप पर असर डालने वाला होता है। इसलिए इस दौरान पार्टनरशिप के जुड़े कामों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। धन के निवेश इत्यादि के कामों को करने पर ध्यान देना होता है। इस दौरान काम के प्रति सतर्क रहें क्योंकि इसमें जोखिम बना रह सकता है। प्रेम संबंधों में परिवार की ओर से समस्याएं उठ खड़ी हो सकती सकती हैं। बुध share market को भी दिखाता है, और आपके आठवें भाव में इसके होने से आपको शेयर बाजार के लेन-देन में ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है क्योंकि इस दौरान नुकसान होने की संभावनाएं दिखाई देती हैं।


सलाह: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आर्थिक पहलुओं को कैसे सुलझाया जाए, और परिवार में तालमेल कैसे बनाए रखा जाए इस बात पर ध्यान देने की जरुरत होती है।


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मिथुन (मिथुन) Gemini (Mithun)

मिथुन राशि का स्वामी बुध ही है और बुध का वक्री होना इनके लिए बहुत ही विशेष हो जाता है। राशि स्वामी के वक्री होने के कारण घटनाएं और परिस्थितियां आपको आसानी से भ्रमित कर सकती हैं। जीवन साथी के साथ अथवा व्यावसायिक या अन्य किसी पार्टनर के साथ सावधानी से बातचीत करना उचित होता है। इस दौरान रिश्तों के बारे में आपकी प्रशंसा जरूरी है अन्यथा दूरियां अपना असर डाल सकती हैं।


सलाह: वक्री बुध के दौरान पुराने अनसुलझे मुद्दों को समझदारी से सुलझाने की कोशिश करें अपनी बातचीत में स्पष्टता लाने का प्रयास करें।


कर्क राशि Cancer (Karka)

कर्क राशि वालों को वक्री बुध के दौरान अपने कामकाज, सेहत, फिटनेस और रोजमर्रा की दिनचर्या पर नज़र बनाए रखने की आवश्यकता होती है। काम से जुड़े संदेशों को स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि इस दौरान व्यर्थ की बातें आप पर असर डाल सकती हैं। सेहत पर ध्यान रखें क्योंकि इस पर असर पड़ेगा वो बातें असर डालेंगी जिनके बारे में अभी तक कुछ सोचा भी नहीं था ।


सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए अपने साथ साथ अपने आस-पास की स्थिति के बारे में ध्यान बना कर रखें। नौकरी अथवा व्यवसाय के दौरान बनाई गई अपनी योजनाओं पर स्पष्ट रहने की जरुरत होती है अन्यथा दूसरे लोग आपको परेशानी में डाल सकते हैं।


सिंह राशि Leo (Singh)

सिंह राशि वालों के लिए वक्री बुध का प्रभाव रचनात्मक पक्ष पर ध्यान देने के लिए विशेष होगा, प्रेम संबंधों अथवा संतान पक्ष की ओर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता होगी। इस दौरान आप रोमांटिक रूप से प्यार करना सीखेंगे, पुराने साथी फिर से मिल सकते हैं। इस दौरान कुछ रचनात्मक प्रयास भी आप करेंगे और आप इन बातों से पहले प्रभावित हुए होंगे जिनका असर अब अधिक गहराई से आप पर होगा।


सलाह: वक्री बुध के खराब प्रभाव से बचने के लिए बातचीत और रिश्तों में स्पष्टता को बना कर रखें। आपके आस-पास स्त्रियों का प्रभाव रहेगा ऎसे में उनके साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश करें और किसी भी अनसुलझे मुद्दे एक बार फिर से आमने आ सकते हैं।


कन्या राशि Virgo (Kanya)

कन्या राशि वालों के लिए भी बुध इस राशि का स्वामी ग्रह है। इस कारण से बुध का वक्री होना अपने गहरे असर को दिखाता है। इस समय पर पारिवारिक मामले, रियल एस्टेट से जुड़े कार्य और आपकी भावनाएं आगे रहने वाली हैं। आपको अपने घर के आस-पास कुछ मरम्मत या निर्माण से जुड़े काम रोकने पड़ सकते हैं, बदलाव इस समय बाद पर अटक सकता है।


सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए इस समय सहज बने रहें अधिक परेशान न हों और अपने परिवार के सदस्यों के साथ झगड़ा न करें उनके साथ धैर्य बना कर रखें।


तुला राशि Libra (Tula)

तुला राशि वालों के लिए वक्री बुध का प्रभाव कार्यक्षेत्र और विचार पर असर देगा। इस समय किसी की नियुक्ति करते समय, कागजातों पर हस्ताक्षर करते समय और यात्रा करते समय परेशानी हो सकती है। इस समय अपने पूर्व के रिश्तों पर ध्यान देना पड़ सकता है। भाई-बहनों और करीबी दोस्तों से संपर्क बनाए रखना उचित होगा।


सलाह: दूसरों से बात करते समय अपने पन से बात करें और ध्यान से विचारों को सुनें। कुछ भी अधूरा न छोड़ें और बदलावों को स्वीकार करें।


वृश्चिक राशि Scorpio (Vrishchik)

वृश्चिक राशि वालों के लिए वक्री बुध का असर आपकी राशि में होने वाला, वक्री बुध राशि में बैठकर आपको अपने अंदर के बदलाव पर ध्यान देना होगा। इस समय आप हर चीज में कुछ ज्यादा ही सोच विचार करने वाले हैं। इस समय पर अपने आर्थिक मामलों को लेकर बहुत सावधान रहने की जरूरत है। विशेष रूप से कर्ज अथवा निवेश के मामले में समझदारी से फैसले लेने जरूरी हैं।


सलाह: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए दूसरों के साथ साथ खुद को भी माफ करना सीखें और बेकार की बातों को भूलना सीखें। अपने व्यवहार को संतुलित बनाने की कोशिश करें।


धनु राशि Sagittarius (Dhanu)

धनु राशि वालों के लिए वक्री बुध का असर मानसिक रूप से थोड़ा परेशान करने वाला हो सकता है। इस समय आपकी व्यक्तिगत योजना उस अनुरुप पूरी न हो पाएं जैसा की आपने सोचा था। इच्छाएं पूरी नहीं हो पाएं, आप अपने पुराने सपनों को याद कर सकते हैं लेकिन अपने विचारों को व्यक्त करने में कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं। यह नए कौशल सीखने का समय है, और इस दौरान कई लोग विदेश में अध्ययन करने या किसी विदेश में जाने की योजना बना सकते हैं।


सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए खुद की भावनाओं पर अच्छे से ध्यान देने की जरूरत है जिससे आप सही फैसले ले पाएं। नए व्यवसाय शुरू करने में जल्दबाज से बचें।


मकर राशि Capricorn (Makar)

मकर राशि वालों के लिए वक्री बुध कुछ ऐसी स्थितियों को सामने लाने वाला होगा जिन्हें सुलझाना मुश्किल दिखाई देगा। व्यवहार में बदलाव होगा, मन के अनसुलझे विचार आपके सामने आ सकते हैं। आप अपने आध्यात्मिक उद्देश्यों से भी विमुख दिखाई दे सकते हैं।


सलाह: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इस समय बहुत अधिक अकेले रहने से न बचें और अपनी विचारधारा अथवा इच्छा पर ध्यान दें।


कुंभ राशि Aquarius (Kumbh)

कुंभ राशि वालों के लिए वक्री बुध का असर सामाजिक संपर्क, लोगों के साथ मेलजोल और दोस्तों के साथ आपके रिश्तों पर पड़ सकता है। इस समय संबंधों में बदलाव आना आम बात है। पुराने दोस्तों से फिर से मिलना हो सकता है। कार्य में बदलाव भी हो सकता है।


सलाह: वक्री बुध के दौरान इस समय अच्छे एवं सार्थक रिश्तों को बढ़ावा देने की जरूरत है और इस समय लंबे समय से रुके हुए कामों पर ध्यान देने की जरूरत होगी।


मीन राशि Pisces (Meen)

मीन राशि के जातकों के लिए वक्री बुध आपकी सार्वजनिक छवि पर असर डाल सकता है। आप अपने विचारों एवं सिद्धांतों के कारण परेशानी का अनुभव कर सकते हैं। चीजों वें विचारों को लेकर कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो सकती है।


सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए काम के मामलों में अन्य व्यक्तियों पर बहुत अधिक विश्वास करने से बचें और सावधानी से लोगों के साथ रिश्ते बनाएं। इस समय अनावश्यक जोखिम लेने से बचें।


वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के खास उपाय


ध्यान से काम करना : इसे पिछली गतिविधियों पर विचार करने, वर्तमान का विश्लेषण करने और भविष्य की गतिविधियों को संशोधित करने का एक सही अवसर मानें।


नए काम शुरू करने से बचें : वक्री बुध के दौरान नए कामों को शुरू करने से बचना ही उचित होता है, कोई भी नए निर्णय लेने से बचना चाहिए।


सोच विचार करके आगे बढ़ना : वक्री बुध के दौरान किसी भी काम को करने से पहले उस पर अच्छे से विचार करना उचित होता है, काम को करने से पहले उसे दो से अधिक बार चेक करें। किसी को मेल करना हो, संदेश भेजना हो अथवा बातचीत करते हुए अपने शब्दों का सावधानी से उपयोग करें।किसी भी तरह का कम्युनिकेशन हो उसे स्पष्ट रखें ताकि किसी प्रकार की उलझन या गलतफहमी न पैदा होने पाए।


जानकारी सुरक्षित रखें : इस अवधि के दौरान किसी भी गैजेट के साथ Technical दिक्कत होने की संभावना अधिक रहती है। अपने आवश्यक फ़ोल्डर और डिवाइस सुरक्षित रखें। इस समय के दौरान काम को समय पर करने से भी चूक सकते हैं इसलिए चीजों को ध्यान में रखते हुए काम करना और स्थिति को नियंत्रित करते हुए आगे बढ़ना ही सही होता है।


संपर्क बनाएं और समाधान खोजें : अब इस समय पर उन बातों पर ध्यान देने का समय है जिन्हें अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं, उलझे मामलों, रिश्तों या योजनाओं के साथ आगे बढ़ने का सही समय है है साथ ही इन पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है।


खुद की देखभाल : इस गोचर के दौरान भावनात्मक रूप से मजबूती पाने के लिए जरुरी है की खुद का ध्यान रखें। चीजों के बारे में स्पष्टता प्राप्त करने के लिए ध्यान, योग मेडिटेशन जैसे कामों को करने की कोशिश करें।


विशेष

वृश्चिक राशि में बुध का वक्री होना एक विशेष घटना है जो गोचर के आधार पर कई तरह से अपना असर डालती है। बाहरी स्तर पर यह समय मुश्किल लग सकता है, लेकिन यह जीवन को सही से समझने के अलावा अपने भीतर नई ऊर्जा शक्ति को पाने का अवसर है। धैर्य, बुद्धिमत्ता और उचित योजनाओं को बनाते हुए आप इस वक्री स्थिति के दौरान आसानी से बाहर निकल सकते हैं।

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Source URL - https://www.vinaybajrangi.com/blog/vakri-budh-ka-gochar


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